कपड़ों को बनाने में सिलाई एक बहुत ही अहम भूमिका निभाती हैं। कपड़ों के लुक, बनावट और उनके एहसास में इसका बहुत ही गहरा प्रभाव होता है। कपड़े बनाते वक़्त प्रभावी सिलाई तकनीक का इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी है क्यूँकि यह खरीदारों को आपके डिज़ाइन की तरफ आकर्षित करता है। छोटी-से-छोटी सिलाई भी आपके सादे कपड़ों में बड़ा अंतर ला सकती है। अगर आप कभी किसी फैशन डिज़ाइन वर्क-शॉप में गए हो तो कपड़ों पर इन सिलाई की अहमियत आपको अच्छे से पता होगी।
कपड़ों के उद्योग में छह तरह की प्रमुख सिलाई का इस्तेमाल किया जाता है। इन सिलाई तकनीकों को अच्छी तरह से जानने के बाद आप बड़ी ही आसानी से सभी तरह के कपड़ों को डिज़ाइन कर सकते हैं। ऑनलाइन गारमेंट क्रिएशन क्लासेस के माध्यम से आप बड़ी आसानी से इन सभी सिलाई को सीख सकते हैं।
1.चेन स्टिच –
कढ़ाई करने के लिए चेन स्टिच बहुत ही अहम है। यह वैसे तो लूप स्टिच है, जिसे घुमावदार और सीधी लाइन के साथ किया जाता है। इस तरह की सिलाई का इस्तेमाल डिज़ाइन को भरने के लिए किया जाता है। चेन स्टिच के बहुत से प्रकार हैं –
- डिटाचेड़ चेन
- हैवी चेन
- लेज़ी डेज़ी
- फैथेरेड चेन
- स्क्वेर चेन
- केबल चेन
- ज़िग-ज़ैग चेन
2.हैंड स्टिच –
आज भी कई चीज़ों के लिए हैंड स्टिच का इस्तेमाल किया जाता है। आज भी बहुत से ऐसे पोशाक है जो कि हाथों से बनाए जाते हैं। हैंड स्टिच का इस्तेमाल ज़्यादातर किसी भी सिलाई को पूरा करने के लिए किया जाता है जैसे की सिलाई को कस कर बांधने के लिए, तुरपाई के लिए एवं आदि। हैंड स्टिच में बहुत से स्टिच शामिल हैं जैसे की – रनिंग स्टिच, हेमिंग स्टिच, बास्टिंग स्टिच, स्लिप स्टिच, कैच स्टिच, बैक स्टिच, ओवरकास्ट स्टिच और इंविसिबल स्टिच।
3.लॉक स्टिच –
लॉक स्टिच को आमतौर पर मैकेनिकल स्टिच पैटर्न कहा जाता है। यह सिलाई दो तरह के धागों से की जाती है पहली नीडल के धागे से और दूसरा बोबिन के धागे से। इसका सामने और पीछे का हिस्सा एक जैसा ही दिखता है। लॉक स्टिच का इस्तेमाल ख़ासतौर से जेब, कॉलर और नीचे की तुरपाई के लिए किया जाता है।
4.कवरिंग चेन स्टिच –
कवरिंग चेन स्टिच एक बहुत ही ख़ास तरह का स्टिच है जो कि ज़्यादातर तकिए का खोल सिलने के लिए किया जाता है। इस तरह की सिलाई आमतौर पर एक फ्लैटलॉक सिलाई मशीन का उपयोग करके की जाती है। कवरिंग चेन स्टिच आमतौर पर ट्रिपल थ्रेड सिस्टम द्वारा बनाई जाती है। यह ज़्यादातर सजाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल हम नीचे की तुरपाई और हाथ की तुरपाई करने के लिए भी कर सकते हैं।
5.मल्टी थ्रेड स्टिच –
मल्टी थ्रेड स्टिच का इस्तेमाल ज़्यादातर कपड़ों के किनारों की सिलाई पर किया जाता है। यह सिलाई दो धागों का इस्तेमाल करके की गयी है – सुई धागा और लूपर धागा। सामने और पीछे दोनों ही साइड पर यह अलग दिखती है। मल्टी-थ्रेड स्टिच का इस्तेमाल ज़्यादातर जीन्स पैंट्स और शर्ट के किनारों को सिलने के लिए किया जाता है। यहाँ तक की इसे जेब सिलने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
6.ओवर एज स्टिच –
ओवर एज स्टिच का इस्तेमाल ज़्यादातर किनारों और पैन्ट्स को सिलने के लिए किया जाता है। यह सिलाई ओवर लॉक सिलाई मशीन से की जाती है, ज़्यादातर किनारों को सिलने के लिए, जिससे की वह दोबारा ना खुले।
ऊपर बताई गयी सभी सिलाई एक दूसरे से बहुत ही अलग हैं और कपड़े के उद्योग में इन सभी सिलाई का अपना अलग-अलग इस्तेमाल होता है। अगर हमे यह जानना है कि किस सिलाई का इस्तेमाल किस चीज़ के लिए किया जाए और कैसे किया जाए तो, उसके लिए सबसे पहले सभी सिलाइयों के बारे में गहराई से जानना बहुत ज़रुरी है। गारमेंट मेकिंग ऑनलाइन कोर्स में इंडस्ट्री के जाने माने लोगों की मदद से आप बड़ी ही आसानी से इन सभी सिलाई के बारे में सीख सकते हैं। याद रखें की हर तरह की सिलाई सभी कपड़ों पर अच्छी नहीं लगती और ना ही हर तरह की सिलाई की मदद से आप सभी कपड़ों को सील सकते हैं।
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